चण्डीगढ :  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ सटे रोहतक संसदीय क्षेत्र में तेजी से बदल रहे सामाजिक व आर्थिक परिवेश के मद्देनजर संसदीय क्षेत्र में करीब 30 नए बैंक शाखाओं का खोलने का प्रस्ताव सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र में वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा को दिया है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस संदर्भ में वित्त राज्य मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि हालांकि पिछले पांच वर्षों में संसदीय क्षेत्र में विभिन्न बैंकों की दर्जनों नई शाखाए खुली हैं। बावजूद इसके बैंकिंग क्षेत्र के विस्तार की जरूरत ग्रामीण क्षेत्रों में भी महसूस की जा रही है।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस संदर्भ में बैंकिंग सेवाओं के लिए विस्तृत ब्यौरा देते हुए वित्त राज्य मंत्री के समक्ष रोहतक जिले के गांव पिलाना, टिटौली, खरकड़ा, लाखन माजरा, रूड़की, समचाना व गरनावठी गांवों में बैंक शाखाएं शुरू करने की मांग रखी है। इसी तरह झज्जर जिले के गांव दूबलधन माजरा, मांडोठी, जहांगीरपुर, बाढसा, झाड़ली, माछरौली एवं लडायन गांव तथा रेवाड़ी जिले में रतनथल, बव्वा, नेहरुगढ़, लिलोड, निमौठ व लिसान गांवों में बैंक शाखाओं के खोलने की मांग सांसद ने की है। उन्होंने कहा कि उक्त गांवों में प्राथमिकता के आधार पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखाएं स्थापित की जाएं। सांसद ने इस संदर्भ में हरियाणा ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है, ताकि बैंकिंग के भगौलिक व आर्थिक पहलुओं पर विवेचन कर बैंक शाखाएं शीघ्र ही स्थापित की जा सकें।

हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ लगते हरियाणा प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में शुरू हुई अनेक बड़ी विकास परियोजनाओं से लोगों की अर्थदशा तेजी से बदली है। उन्होंने कहा बदलाव की इस रफ्तार में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की अनेक वित्तीय संस्थाओं ने क्षेत्र में दस्तक दी है बावजूद इसके गांवों में बड़े स्तर पर बैंकिंग सेवाओं की मांग निरंतर बढ़ी है। उन्होंने गांवों में बैंक शाखाओं की मांग को प्रगति का सूचक बताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर किसी भी क्षेत्र में वित्तीय संस्थानों की संख्या उस क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक विकास को इंगित करती है।

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी के साथ लगते प्रदेश में बैंकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। उन्होंने झज्जर का उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में झज्जर के बैंकों की संख्या पर नजर डाली जाए तो आंकड़ा चौंकाने वाला है। वर्ष 2005 तक झज्जर में बैंकों की संख्या केवल 79 थी। पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था का चक्र इस तेजी से घूमा कि अब 2010 बैंकों की संख्या 117 पहुंच चुकी है। इस तरह से पांच वर्षों में 38 बैंकों की नई शाखाएं यहां स्थापित हुई हैं। बैंक शाखाओं के खुलने का यह क्रम अभी भी जारी है, उम्मीद है कि अगले एक वर्ष तक यह संख्या 50 तक पहुंच जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलावा निजी क्षेत्र के तमाम बैंक झज्जर में मौजूदा व भविष्य की संभावनाओं के देखते हुए अपनी शाखाएं स्थापित कर रहे हैं।

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