नाहन: अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर श्री लोकेन्द्र चौहान ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों के बुनियादी विकास की रूपरेखा तैयार करके उसे मूर्त रूप देने के लिए प्रयत्न करें ताकि उनका क्षेत्र विकास की ओर उन्मुख हो सके।

अतिरिक्त उपायुक्त आज ज़िला परिषद् भवन के सभागार में नवनिर्वाचित पंचायत प्रधान, उप प्रधानों, वार्ड सदस्यों, पंचायत सचिवों तथा सहायकों के चार दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण शिविर के शुभारम्भ पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। प्रशिक्षण शिविर 28 फरवरी से 03 मार्च तक आयोजित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि पंचायतें किसी भी क्षेत्र के विकास की केन्द्र बिन्दू होती हैं तथा त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली में जागरूक पंचायत प्रतिनिधि ही वास्तव में अपने प्रयत्नों से अपने क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर सकते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों पर विकास की मुख्य जिम्मेदारी होती है इसलिए उन्हें अपना कार्य सच्चाई, मेहनत, लग्न तथा पारदर्शिता से निभाते हुए जन आकांक्षाओं पर खरा उतरना चाहिए।

अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर अधिक बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों में अपनी रूचि लेकर अपने क्षेत्र का विकास करने में अपना दायित्व समझते हुए उन योजनाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि के तहत् 30 प्रतिशत राशि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों द्वारा खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ज़िला के स्कूलों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बनाए जा रहे भवनों के निर्माण में गुणवत्ता तथा पारदर्शिता बरतें।

श्री लोकेन्द्र चौहान ने मनरेगा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना ज़िला के ग्रामीण क्षेत्र के विकास में मील पत्थर साबित हो रही है तथा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर इस योजना से जोड़ना चाहिए। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से इस योजना के अंतर्गत श्रम पर आधारित योजनाएं बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि ज़िला की सभी 228 पंचायतें खुले मंे शौचमुक्त हो गई हैं इसलिए जन प्रतिनिधियों का कर्तव्य बनता है कि आम व्यक्ति को सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। उन्हांेने कहा कि उन्होंने कहा कि बीपीएल, इंदिरा आवास योजना तथा अटल आवास योजना के चयन में पारदर्शिता बरती जानी चाहिए ताकि पात्र व्यक्तियों को इसका लाभ मिल सके।

ज़िला पंचायत अधिकारी श्री एमएस नेगी ने बताया कि इस प्रकार के बुनियादी प्रशिक्षण शिविर निरन्तर जारी रहेंगे तथा इनके माध्यम से मई महीने तक विभिन्न चरणों में 2000 पंचायत प्रतिनिधियों तथा 250 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इन शिविरों में सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी अपने विभाग से संबंधित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। इस अवसर पर उन्होंने पंचायतीराज प्रणाली के नियमों और अधिनियमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बुनियादी प्रशिक्षण शिविर में नाहन विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कटाह शितला, रामाधौन, बनकला, सलानी कटोला, नावनी, पनार, थाना कसोगा, बनेठी, देवका पुड़ला, नेहरस्वार, ददाहू, पंजाहल, विक्रमबाग, सुरला तथा मातर (15 ग्राम पंचायतों) के 134 जन प्रतिनिधि तथा सचिव/सहायक भाग ले रहे हैं।

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