सिरसा : पंजाबी गायकी आज विश्वभर में अपनी पहचान बना रही है। परंतु पंजाबी गीतों के फिल्माकंन में परोसी जा रही अशील्लता भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जोकि खतरनाक है। यह बात पंजाब के प्रख्यात कलाकार वीर देवेंद्र ने जे.सी.डी. विद्यापीठ में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। ‘मितरां चे लगे मेरे जी नी गोरिएÓ गीत से श्रोताओं के दिलों पर छा जाने वाले वीर देवेंद्र ने बताया कि उनके अब तक 7 एलबम बाजार में आ चुके हैं। जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा है। उन्होंने बताया कि मुटियारे, महफिलां, मैसेज, यारियां आदि एलबम के गीत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुने जा रहे हैं।

अपनी गायकी के शौक के बारे में बताते हुए वीर देवेंद्र ने कहा कि वे बचपन से ही गाने का शौक रखते थे तथा धीरे-धीरे उनका यह शौक हुनर बन गया। पंजाबी कलाकार ने बताया कि भले ही आज पंजाबी गीतों में अशील्लता बढ़ी हो, परंतु इसके लिए श्रोता व दर्शक जिम्मेवार हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा फिल्माए गए गीतों में अशील्लता से परहेज किया गया है। वीर देवेंद्र ने बताया कि वर्तमान में दर्शकों द्वारा पंजाबी फिल्मों को भी खूब सराहा जा रहा है तथा अनेक निर्देशक पंजाबी फिल्मों के निर्माण में उतरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गायकी के द्वारा वे पंजाब की समृद्ध संस्कृति को विश्वभर में चमकाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि अनेक गायक पुराने गानों को रीमिक्स करके रातों-रात प्रसिद्धी पाना चाहते हैं, परंतु वे उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते, जिस मुकाम पर उन गीतों के मूल गायक पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि जे.सी.डी. विद्यापीठ में आकर उन्हें यह महसूस ही नहीं हुआ कि वे किसी दूसरी जगह अपना कार्यक्रम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के दर्शकों ने उन्हें खूब प्यार दिया।

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