मंडी: जिला राजस्व अधिकारी राजीव सांख्यान ने लोगों से अपने घरों में रखे पुराने गहनों की हॉलमार्किंग अवश्य कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी हॉलमार्क सेंटर पर जाकर यह कार्य कराया जा सकता है। वे भारतीय मानक ब्यूरो के सौजन्य से विभिन्न विभागों के प्रमुखों के लिए आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में भारतीय मानक ब्यूरो की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया।

जिला राजस्व अधिकारी ने कहा की भारतीय मानक ब्यूरो की मानकीकरण एवं प्रमाण योजना उपभोक्ताओं और उद्योगों को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उत्पाद सुरक्षा एवं उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में कार्य करती है। उन्होंने आईएसआई मार्क क़ो उत्पादों पर नितांत आवश्यक बताया। भारतीय मानक ब्यूरो के राज्य शाखा प्रमुख अनिमेष कुमार ने विभागीय कार्यप्रणाली की जानकारी प्रदान की। बैठक में बीआईएस केयर ऐप के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो हिमाचल प्रदेश शाखा के मानक संवर्धन अधिकारी अतुल चतुर्वेदी और जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।

बी.आई.एस. की वेबसाइट के अनुसार, सोने के आभूषण/कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क 35/- प्रति आभूषण और एक खेप के लिए न्यूनतम शुल्क 200/- रुपए (सेवा कर और लागू होने वाले अन्य शुल्क अतिरिक्त होंगे)। वहीं चांदी के आभूषण/कलाकृतियों के लिए शुल्क 25/- प्रति आभूषण और एक खेप के लिए न्यूनतम शुल्क रु। 150/- (सेवा कर और लागू होने वाले अन्य शुल्क अतिरिक्त होंगे)। आमतौर पर हॉलमार्किंग तीन कैटेगरी (14 कैरेट, 18 कैरेट, 22 कैरेट) की जाती है।

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