शिमला: 22 नवम्बर का दिन हिमाचल प्रदेश, विशेषकर यहां के किसानों एवं बागवानों के लिए ऐतिहासिक सिद्ध होगा, क्योंकि इसी दिन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने जिला शिमला के ठियोग के समीप पराला में राज्य के सबसे बड़े कृषि विपणन यार्ड की आधारशिला रखी। इस कृषि विपणन यार्ड के निर्माण पर लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय होंगे और यह यार्ड 20 एकड़ भूमि पर निर्मित होगा। इस यार्ड के निर्माण से शिमला, किन्नौर, कुल्लू, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के फल उत्पादकों को आधुनिक विपणन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

आधारशिला रखने के उपरांत एक विशाल जनसभा को संबोधित हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इस सबसे बड़े कृषि विपणन यार्ड तक 86.5 कि.मी. लंबी समर्पित बागवानी सड़क का निर्माण किया जाएगा। छैला-नेरी पुल-ओछघाट-कुमारहट्टी सड़क के निर्माण पर लगभग 100 करोड़ रुपये व्यय होंगे। यह मार्ग जिला सोलन के कुमारहट्टी के समीप राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सड़क को चौड़ा किया जाएगा और यहां 7 डबल लेन पुल निर्मित किए जाएंगे, ताकि क्षेत्र के किसानों को सभी सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने पराला विपणन यार्ड के निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर आरंभ करने के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की घोषणा की।

प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार उत्पादकों की व्यापार संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए कृषि विपणन यार्डों का मजबूत नेटवर्क सृजित करेगी। उन्होंने कहा कि सोलन स्थित विपणन यार्ड में वर्तमान सीज़न में 200 करोड़ रुपये का रिकार्ड व्यापार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में ग्रेडिंग तथा पैकिंग सुविधा के निर्माण के लिए समुचित बजट प्रावधान किया गया है। भलखु सड़क को भी स्तरोन्नत कर सुधारा जाएगा, ताकि इसे वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग में लाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष में 7.50 करोड़ रुपये की लागत से जिला कुल्लू के बंदरोल में, जिला बिलासपुर के घुमारवीं में, जिला मण्डी के करसोग में और जिला सिरमौर के हरिपुरधार में आधुनिक कृषि यार्डों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 9.45 करोड़ रुपये व्यय कर जिला हमीरपुर के जाहु में, जिला कुल्लू के निरमंड में, जिला शिमला के खड़ा पत्थर में, जिला कांगड़ा के धर्मशाला में और जिला मंडी के जोगिन्द्रनगर में निर्माणाधीन विपणन यार्डों का कार्य पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्य में 25 विभिन्न स्थानों पर एकत्रिकरण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि फल उत्पादकों को ग्रेडिंग एवं पैकिंग सुविधाएं प्रदान की जा सकें। इन सभी केन्द्रों का प्रबन्धन स्थानीय ग्राम स्तरीय समितियों द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र का मूल्यवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपये की योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 11 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन तथा 8 लाख मीट्रिक टन सब्जी उत्पादन किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार ने 10 मुख्य तथा 38 अन्य विपणन यार्डों का मजबूत नेटवर्क तैयार किया है, ताकि किसान एवं बागवान अपने उत्पादों को अच्छे दामों पर बेच सकें। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों एवं उपमण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता मंडी के लिए समुचित प्रबन्ध करें, ताकि किसानों को स्थानीय स्तर पर ही अपने उत्पाद बेचने के लिए मंच उपलब्ध हो सके। कृषि क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार की असीमित संभावनाएं हैं तथा यह क्षेत्र शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए उनके घर-द्वार के समीप रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है।

प्रो. धूमल ने कहा कि पराला में प्रस्तावित विपणन यार्ड का निर्माण 3 चरणों में किया जाएगा, जहां 2 लाख मीट्रिक टन फल तथा 1.5 लाख मीट्रिक टन सब्जियों के विपणन की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में नीलामी हाल, ग्रेडिंग एवं पैंकिंग लाइन, लोडिंग तथा अनलोडिंग प्लेटफार्म, प्रशासनिक खंड एवं बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाएंगी। इसके अतिरिक्त बीज, खाद, पौध सुरक्षा सामग्री, कृषि उपकरण, उपकरण मुरम्मत कार्यशाला इत्यादि से किसानों की आवश्यकताएं भी पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि इस यार्ड की मुख्य विशेषता शीघ्र खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं का प्रबन्धन एवं निपटान होगा। यहां पैंकिंग की समुचित सुविधा और जैविक खाद की उपलब्धता भी सुनिश्चित बनाई जाएगी तथा सर्कुलर मार्ग का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में व्यापारियों के लिए दुकानें तथा भण्डारण गृह तथा अंतिम चरण में कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं के निर्माण के साथ-साथ फल उत्पादकों तथा व्यापारियों के लिए विश्राम गृह का निर्माण, शीत भण्डारण व्यवस्था और फलों को पकाने के लिए राइपनिंग चैम्बर निर्मित किए जाएंगे।

बागवानी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री नरेन्द्र बरागटा ने प्रदेश के फल एवं सब्जी उत्पादकों, विशेषकर जिला शिमला, सिरमौर तथा किन्नौर के उत्पादकों को सर्वश्रेष्ठ तोहफ़ा देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। आधुनिक विपणन सुविधा के राज्य में ही प्राप्त होने से फल एवं सब्जी उत्पादक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998-2003 के कार्यकाल में प्रो. धूमल ने अपने उत्पाद बेचने के लिए दिल्ली जाने वाले उत्पादकों को रहने तथा ठहरने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 1.65 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली सब्जी मंडी में किसान भवन का निर्माण किया था। वर्ष 1998 में पहली बार सत्ता में आते ही प्रो. धूमल ने मंडी मध्यस्थता योजना के भुगतान के तहत 84 करोड़ रुपये वितरित किये थे। उन्होंने कहा कि सेब, आम, टमाटर तथा अदरक को फसल बीमा छत्र के अधीन लाया गया है। राज्य में सेब के पुराने पौधों को उच्च क्षमता की किस्मों से बदलने के लिए 85 करोड़ रुपये की सेब नवीकरण योजना आरंभ की गयी है।

बागवानी मंत्री ने कहा कि प्रो. धूमल के नेतृत्व में ही स्वर्गीय डॉ. साहिब सिंह वर्मा के कार्यकाल में दिल्ली बाजार में ली जा रही 8 प्रतिशत बाजार फीस को समाप्त किया गया था किन्तु दिल्ली की बाद की कांग्रेस सरकारें इस निर्णय को कार्यान्वित करने में असफल रही और हिमाचल प्रदेश को इसे माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि पूववर्ती सरकार के निर्णय को कार्यान्वित करने के बजाए वर्तमान दिल्ली सरकार ने कानून को ही समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी राज्य सरकार इस वर्ष 5 करोड़ सेब की पेटियां बाजार में भेजने में सफल रहीं तथा प्रति पेटी 722 रुपये तक औसत मूल्य प्राप्त हुआ।

लोकसभा सांसद श्री वीरेन्द्र कश्यप ने सोलन में श्रेष्ठ विपणन यार्ड स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सोलन स्थित विपणन यार्ड कृषि उत्पादकों के लिए बेहतरीन व्यापार केन्द्र बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न मंडियों से व्यापारी फल तथा सब्जियां खरीदने सोलन आते हैं। पराला में बनने वाली सब्जी मंडी कृषि एवं फल उत्पादों के विपणन का मुख्य केन्द्र बनकर उभरेगी।

विधायक श्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में उत्पादकों के हितों का सदैव ध्यान रखा जाता है। सोलन, परवाणु, और

स्थानीय विधायक श्री राकेश वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए पराला में विपणन यार्ड की आधारशिला रखने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार जीतने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने प्रो. धूमल के नेतृत्व में ठियोग में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी और विभिन्न परियोजनाओं के लिए उदारतापूर्वक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राधारमण शास्त्री ने पराला में सबसे बड़े विपणन यार्ड की स्थापना की सोच के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस यार्ड से क्षेत्र एवं आसपास के जिलों के फल एवं सब्जी उत्पादकों को विशेष लाभ होगा।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री चन्द्रमोहन ठाकुर, कृषि ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष श्री शेरसिंह चौहान, एपीएमसी के अध्यक्ष श्री ज्ञान चंदेल, फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्री सी.एल. नेगी ने भी विपणन यार्ड की स्थापना की सोच के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रीय किसान मोर्चा के सदस्य श्री संदीपनी भारद्वाज ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव बिन्दल, हिमुडा के उपाध्यक्ष श्री गणेश दत्त, कैलाश फैडरेशन के अध्यक्ष श्री बृजलाल, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री तरसेम भारती, ठियोग भाजपा मंडल के अध्यक्ष श्री डी.डी. शर्मा, सचिव कृषि श्री रामसुभग सिंह, उपायुक्त श्री जे.एस. राणा, पुलिस अधीक्षक श्री सोनल अग्निहोत्री, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क श्री बी.डी. शर्मा, निदेशक कृषि डॉ. जे.सी. राणा, निदेशक बागवानी डॉ. गुरदेव सिंह, एचपीएमसी के प्रबन्ध निदेशक श्री मदन चौहान, मुख्य अभियंता लोक निर्माण श्री प्रदीप चौहान, हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. एच.आर. शर्मा, क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version