सिरसा : लगता है इस बार यमुना नदी हरियाणा में हर तरह से कहर ढाने में लगी हुई है और उसका सबसे ज्यादा शिकार उसके किनारे लगते जिले हैं। यमुनानगर के लिए तो इस साल यमुना नदी शोक साबित हो रही है। इसके उफान ने इस सदी के सारे रिकार्ड को तोड़ डाले हैं। रविवार की रात यमुना का जलस्तर 7,12000 क्यूसिक के पार पहुंच गया जोकि 32 साल पहले 7,0900 क्यूसिक पानी से कहीं ज्यादा है । हालांकि सोमवार को बाढ़ का पानी 7, 44,507 क्यूसिक पहुंचने बाद घटना शुरू हो गया है, लेकिन नदी ने ताजेवाला बैराज को आधे से अधिक तोड़ दिया है।

हथनी कुंड बैराज में दरार

हथनी कुंड बैराज में भी दरार आ जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। यमुना से लगे कई गांवों में पानी घुस जाने से वहां कुछ बचा ही नहीं है। निचले इलाके के गांवों को खाली कराया जा रहा है। यमुना के रौद्र रूप को देखते हुए यमुनानगर, पानीपत, करनाल और सोनीपत में हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। दिल्ली में भी बाढ़ की वजह से अलर्ट घोषित किया गया है।

हथनीकुंड बैराज के 18 गेट में से तीन गेट बाढ़ के समय बीच में ही फंसे रह गए। जो ठीक से आपरेट नहीं हो रहे हैं। दबाव बढऩे से बैराज की स्थिति खराब हो गई। इस कारण बाएं किनारे में 150 फुट की दरार आ गई है। उधर, यमुनानगर-करनाल वाया जठलाना सड़क मार्ग सोमवार को भी यमुना की बाढ़ के कारण बाधित रहा।

पानीपत के भी कई गांव डूबे

सोमवार को यमुना का जल स्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने से पानी ने इस तटबंध में डाली गई मिट्टी को काटते हुए दोबारा हजारों एकड़ फसल को अपनी चपेट में ले लिया। पानी की बहाव इतना तेज है कि यह सनौली खुर्द, झांबा, नवादा-पार, पत्थरगढ़, कुराड़, धनसौली आदि गांवों की आबादी तक पहुंचने लगा है। इसी तरह इंद्री में सोमवार को पांचवीं बार यमुना के उफान से गांव हंसू माजरा, चौगावां, चंद्राव, गढ़पुर टापू, नबीवाद, जपती छप्परा, सैय्यद छप्परा, कमालपुर, गढ़रियान, नागल माडल व डबकौली खुर्द आदि गांव पानी के घिरे हैं।

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