नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री मुकुल वासनिक ने कहा है कि सरकार वृद्ध जनों के लिए स्वस्थ सक्रिय और गरिमा पूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के प्रति वचनबद्ध है। वे आज मंत्रालय एवं राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वयोश्रेष्ठ सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस का विषय वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य की देखभाल है।

श्री वासनिक ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए मंत्रालय द्वारा व्यक्त की गयी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि देश में जन सांख्यिकीय पैटर्न में बदलाव को देखते हुए 1999 की राष्ट्रीय वृद्ध जन नीति की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने नीति का जो मसौदा प्रस्तुत किया है उस पर विभिन्न पक्षों द्वारा विचार-विमर्श जारी है। उन्होंने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के विभिन्न प्रावधानों के प्रति जागरूकता के अभाव पर भी चिंता प्रकट की। उन्होंने बताया कि 23 राज्यों और सभी संघ शासित प्रदेशों द्वारा इस अधिनियम को अधिसूचित किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद समाज के बड़े वर्ग विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में इस अधिनियम की जानकारी लोगों को नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को कारगर ढंग से लागू करने के प्रति वचनबद्ध है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किए जा रहे उपायों की सराहना करते हुए इस बात पर बल दिया कि वरिष्ठ नागरिकों की विविध जरूरतें पूरी करने के लिए अलग-अलग स्तरों पर किए जा रहे सभी प्रयासों में तालमेल की आवश्यकता है। उन्होंने देश में वृद्ध जनों की स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने मंत्रालय द्वारा किए जा रहे कुछ महत्वपूर्ण उपायों की जानकारी दी। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय वृद्ध जन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) के लक्ष्यों उद्देश्यों और कार्य नीति पर प्रकाश डाला। अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस 2011 के अवसर पर उन्होंने यह जानकारी भी दी कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति समर्पित जेरिएट्रिक ओपीडी खोली गयी है।

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