नाहन: अरावली संगठन नाहन द्वारा संचालित त्रिलोकी संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट परियोजना तथा भारत सरकार के सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित तकनीकी संस्था सी.एस.आई.आर.-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के निदेशक डा. संजय कुमार द्वारा आज सामान्य सुविधा केन्द्र तालों का निरिक्षण किया ।

किसानों व सामान्य सुविधा केन्द्र तालों के कर्मचारियों को सम्बोधित करने हुए डा. संजय कुमार ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए त्रिलोकी संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी । उन्होने कहा कि परियोजना से किसानों को बेकार गोबर को संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट में बदलने से उचित आय के साधन प्राप्त होगें। डा. संजय कुमार ने कहा कि सी.एस.आई.आर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर किसानों को विभिन्न प्रकार की तकनीकें प्रदान करेगा, जिससे किसानों को अपने सिमित सााधनों में ही अच्छी आमदनी मिल सकेगी।

सी.एस.आई.आर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के वैज्ञानिक और त्रिलोकी संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट परियोजना के तकनीकी प्रभारी डा. रक्षक कुमार ने कहा कि परियोजना में नाहन विकास खण्ड के 200 अनुसुचित जाति औरअनूसुचित जनजाति के किसानों को जोडा गया है | उन्होने कहा कि लगभग 1 लाख टन गौबर औरअन्य कृषि पदार्थो को किसान बैकार फैंक देते हैं जिसका अब संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा हैं।

त्रिलोकी संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट परियोजना के सी.डी.ई. बिरेन्द्र कुमार ने बताया कि अभी तक 16 टन वर्मी कम्पोट विभिन्न विभागों को सप्लाई की जा चुकी हैं तथा गांव स्तर पर किसानों को संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
इस क्रम में सी.एस.आई.आर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के डा. रक्षक कुमार के अगुवाई में खरकों में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया गया। इस कार्यक्रम में विवेक, जगदीप सिंह, एस.पी.वी. के सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।

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