ज्वालामुखी: आज भी कुछ लोगों में ईमानदारी जिंदा है है, जो किसी की खोई हुई चीज को वापिस कर खुद में एक मिशाल पैदा करते है। ऐसा ही ईमानदारी की मसाल आज ज्वालामुखी में कायम हुई। हुआ यू कि सुबह 7 बजे देहरा के स्थानीय निवासी खटु वालिया(राकेश वालिया) ने बताया कि जब वह किसी निजी काम से देहरा से रंगस की और गए थे, तो जब वह लौट कर वापिस आ रहे थे, तो उसी बीच जलाड़ी(नादौन) नामक स्थान पर कुलजीत सिंह पटियाल ने उनसे लिफ्ट मांगी। खटु वालिया ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठा लिया। उसके बाद कुलजीत सिंह पटियाल नादौन उतर गए।

कुलजीत सिंह पटियाल को उतारने के बाद खटु वालिया भी अपने घर की और निकल पड़े। गाड़ी चलाते समय जब उन्होंने पीछे सीट की तरफ देखा तो, वहां पर एक बैग पड़ा था। बैग को जब उन्होंने खोलकर देखा तो बैग पूरा नोटों के साथ भरा हुआ था। तभी कुछ देर बाद उन्हें याद आया कि सुबह नादौन निवासी कुलजीत सिंह ने उनसे लिफ्ट ली थी, शायद जल्दी में वह अपना बैग मेरी गाड़ी में उतरते समय भूल गए है। उन्होंने तुरंत उनसे संम्पर्क करना चाहा,लेकिन खटु वालिया का उनसे संम्पर्क नहीं हो पाया। इतने में वह ज्वालामुखी बस अड्डे के पास बने पुलिस सहायता कक्ष में बैठें

ए.एस.आई. कुलजीत सिंह सिद्घु को इस बारे में बताया, अभी वह उनसे बात ही कर रहे थे कि इतने में कुलजीत सिंह पटियाल भी वहां पर पहुंच गए। देहरा निवासी खटु वालिया ने तभी उनकी अमानत उन्हें वापिस कर दी और ईमानदारी की मशाल कायम की। कुलजीत सिंह पटियाल ने बताया कि

वह राजस्थान में अपना व्यवसायिक काम करते हैं। बैग में 2.50 लाख रूपये तथा जरूरी कागजात थे। कुलजीत पटियाल ने खटु वालिया का बैग

लौटाने का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आज भी शहर में आप जैसे लोगों के होते हुए ईमानदारी अभी जिंदा है।

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