शिमला: प्रदेश सरकार ऐग्रीसनेट (एजीआरआईएसएनइटी) के माध्यम से राज्य के किसानों को परामर्श सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क का उपयोग कर रही है। ऐग्रीसनेट को कृषि रोग, निर्धारित उपचार, कीट प्रबन्धन एवं बेहतर पद्धति इत्यादि की किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप विशेषज्ञ सूचनाएं उपलब्ध करवाने के लिए तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यह जानकारी आज यहां हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान में ‘लोक सेवा में सुधार एवं ई-गवर्नेंस की भूमिका’ पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे प्रशासनिक सुधार सचिवों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि ऐग्रीसनेट पोर्टल कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए ऑन लाईन फार्म तथा विपणन सूचना भी उपलब्ध करवाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क (हिमस्वान) को स्थापित कर, कार्यशील बनाया गया है ताकि विभिन्न सरकारी विभागों एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के बीच सम्पर्क बना रहे। राज्य के पुलिस पोर्टल एवं वैब पोर्टल को 2 वैब रत्न पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। क्षेत्रवार कवरेज के अंतर्गत राज्य की 90 तहसीलों में हिमस्वान के अंतर्गत 125 प्वाइंट ऑफ प्रैजेंस (पीओपी) को सम्बद्धता के लिए उपलब्ध करवाया गया है। समानांतर सम्बद्धता के अंतर्गत विभिन्न विभागों के 1160 कार्यालय हिमस्वान से जोड़े गए हैं। सरकार से सरकार (जी2जी) तथा सरकार से नागरिक (जी2सी) सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से सिक्योर क्लोज़ यूज़र गु्रप (सीयूजी) सरकारी नेटवर्क को सृजित करने में इस प्रणाली ने सहयोग प्रदान किया है। प्रदेश सरकार ने वैब आधारित शिकायत निवारण प्रणाली, ई-समाधान को भी सृजित किया है, जहां प्रदेश का कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है, जिसका उसे निर्धारित समयावधि में जवाब मिलता है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ऐसे मामलों का अनुश्रवण कर 80 से 90 प्रतिशत मामले निपटाए गए, जिससे लोगों को बेहतर सेवा प्रदान करने की प्रणाली सुनिश्चित हुई है।

प्रो. धूमल ने कहा कि सामान्य सेवा केन्द्र योजना के अंतर्गत प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 3366 लोक मित्र केन्द्र आरंभ किए जा रहे हैं, ताकि विभिन्न सरकारी एवं व्यापारिक क्षेत्रों की सेवाएं लोगों को तुरंत उपलब्ध हो सकें। यह केन्द्र ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देंगे तथा ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने में सहायक होंगे। अब तक 2667 केन्द्र आरंभ किए गए हैं तथा शेष के इस वित्त वर्ष के अंत तक स्थापित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसएमएस गेटवे सेवा भी आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत नागरिक आधारित सेवाओं के लिए मोबाइल फोन पर एसएमएस एलर्ट भेजे जाते हैं। इस सुविधा से लोगों को विभिन्न विभागों से संबंधित कार्यों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, प्रमाणपत्र, शस्त्र लाईसेंस तथा जन शिकायतें इत्यादि के बारे में जानकारी लेने के लिए समय की बचत हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में आम व्यक्तियों को बेहतर सेवाएं विभिन्न प्रक्रियाओं के पुर्नअभियांत्रिकी के माध्यम से ही संभव हांेगी इस क्षेत्र की व्यापक जानकारी तथा सुधार की दिशा में सकारात्मक पहल जरूरी है, जिसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के ई-गवर्नेंस प्रोत्साहनों को समर्थन देकर स्वान, राज्य डाटा केन्द्र एवं सामान्य सेवा केन्द्र के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लॉन (एनईजीपी) के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय सम्मेलन अनुभवों को सांझा करने तथा आम व्यक्तियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधान सचिव प्रशासनिक सुधार श्री टी.जी. नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस के व्यापक उपयोग से कार्य में पारदर्शिता तथा आम व्यक्ति को बेहतर सेवा सुनिश्चित बनाई जा रही है।

प्रधान सचिव वित्त, योजना तथा सूचना प्रौद्योगिकी श्री अजय त्यागी ने प्रदेश सरकार द्वारा अपनी कार्य प्रणाली में ई-गवर्नेंस उपायों को अपनाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य सेवा केन्द्र (लोकमित्र केन्द्र) आरंभ किए जा रहे हैं।

निदेशक एआरपीजी भारत सरकार सुश्री रितिका भाटिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्तर पर कार्यों को धीरे-धीरे इलैक्ट्रॉनिक फाइल प्रणाली में परिवर्तित किया जा रहा है।

मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधु, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री भीमसेन, प्रधान सचिव बागवानी श्री वी.सी. फारका, प्रधान सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य श्री नरेन्द्र चौहान, मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री मनोज कुमार, निदेशक हिप्पा श्री राजीव शंकर, विभिन्न राज्यों के प्रशासनिक सुधार सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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