सिरसा: रोलर स्केटिंग में हरियाणा और सिरसा जिला का नाम विश्व स्तर पर ले जाने वाली महिला खिलाड़ी जहां पिछले करीब 10 साल रोलर स्केटिंग के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। वहीं उसे रोजगार को लेकर सरकार के निमंत्रण का अभी तक इंतजार है। यहां के गांव नकौड़ा के साधारण परिवार की महिला खिलाड़ी मिलनप्रीत कौर का कहना है कि सरकार जहां 1 नवम्बर को राष्ट्रमंडल में खेलने वाले हरियाणा के खिलाडिय़ों को आर्थिक और सरकारी सेवाओं में नौकरी देकर सम्मानित कर रही है वहीं हरियाणा का नाम विश्व स्तर पर ले जाने वाले खिलाडिय़ों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। मिलनप्रीत कौर आज लक्ष्मी स्वीट्स पर पत्रकारों से रू-ब-रू हो रही थी। इस महिला खिलाड़ी ने भारत के लिए वह करिश्मा किया जो अपने आप में एक स्वॢणम इतिहास है। रोलर स्केटिंग की विश्व कम चैम्पियनशीप में पहला स्वर्ण पदक जीतने का श्रेय मिलनप्रीत को ही जाता है। अब तक वह विश्व स्तरीय 3 और 4 एशिया स्तर के खेलों में भाग लेकर अनेक स्वर्ण, रजत आदि पदक हासिल कर चुकी है। राज्य स्तरीय खेलों में तो उसकी झौली स्वर्ण पदकों से भी हुई है।
डेरा सच्चा सौदा कालेज में एमबीए कर रही है मिलनप्रीत कौर
मिलनप्रीत कौर का कहना है कि वह डेरा सच्चा सौदा कॉलेज में एमबीए कर रही है और साथ-साथ निरंतर खेलों में सक्रिय है। हाल ही में फरीदाबाद में संपन्न हुई ओलम्पिक प्रतियोगिताओं में मिलनप्रीत कौर ने फिर गोल्ड मैडल हासिल किया। एमबीए करने का उद्देश्य बताते हुए मिलनप्रीत कौर कहती हैं कि वह तमाम उम्र माता-पिता पर बोझ बनकर नहीं रह सकती और उसे रोजगार के लिए इस प्रकार रोजगारोन्मुखी कोर्स करना जरुरी हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने दो दिन पहले ही उसे रोजगार देने का भरोसा दिया है, लेकिन वह कहती है कि इस प्रकार के भरोसे उसे पहले भी कई बार मिल चुके हैं। हरियाणा की पूर्व खेल मंत्री किरण चौधरी का जिक्र करते हुए मिलनप्रीत कौर ने कहा कि उन्होंने भी रोजगार देने का भरोसा दिया था, लेकिन आज तक किसी अपील पर सुनवाई नहीं हुई और अब उन्हें अपने भविष्य को लेकर ङ्क्षचता सताने लगी है। इस अवसर पर मौजूद मिलनप्रीत कौर के पिता डा. हरभजन ङ्क्षसह नकौड़ा ने कहा कि एक तरफ सरकार कन्या भू्रण हत्या जैसे पाप को मिटाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके जागृति अभियान चला रही है वहीं दूसरी ओर देश का नाम ऊंचा करने वाली लड़कियों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। यदि हम अपनी बेटियों का सम्मान करना सीख जाएंगे तो कन्या भू्रण हत्या जैसे पाप अपने आप ही नष्ट हो जाएंगे।