शिमला: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आज धर्मशाला में गुज्जर कल्याण बोर्ड की 16वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गुज्जर समुदाय विशेषकर जो भूमिहीन है, के लिए भूमि आबंटन एवं शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन समुदायों जो पूर्व में उपेक्षित रहे हैं, को विभिन्न नीतिगत कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य में 9 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 10 जनजातीय छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के दृष्टिगत गुज्जर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है तथा इस समुदाय से सम्बन्धित व्यक्तियों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
मुख्य मंत्री ने कहा कि जनजातीय विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार शिक्षा संस्थानों में अधोसंरचना विकास को सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 60 लड़कों और 60 लड़कियों की क्षमता के जनजातीय छात्रावासों, चम्बा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 60 लड़कों और 30 लड़कियों, कुल्लू के आई.टी.आई. शमशी में 60 लड़के और 30 लड़कियों, सोलन में 60 लड़के और 90 लड़कियों तथा शिमला जिले में 200 लड़के और 141 लड़कियों के छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार संस्कृत कालेज सुन्दरनगर में 60 विद्यार्थियों की क्षमता के छात्रावास डा. वाई.एस. परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में 46 विद्यार्थियों की क्षमता, चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 72 विद्यार्थियों की क्षमता तथा राजकीय कालेज कुल्लू में 60 लड़कियों की क्षमता के छात्रावास का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि घुमारवीं तहसील में काला गुज्जर बस्ती के लिए 1.5 किलोमीटर सड़क निर्माण के अनुमान को तैयार किया जाएगा, जिसे जनजातीय विकास विभाग को शीघ्र ही प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

शिमला; मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आज धर्मशाला में गुज्जर कल्याण बोर्ड की 16वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गुज्जर समुदाय विशेषकर जो भूमिहीन है, के लिए भूमि आबंटन एवं शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन समुदायों जो पूर्व में उपेक्षित रहे हैं, को विभिन्न नीतिगत कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है ताकि वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य में 9 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 10 जनजातीय छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के दृष्टिगत गुज्जर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है तथा इस समुदाय से सम्बन्धित व्यक्तियों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। मुख्य मंत्री ने कहा कि जनजातीय विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार शिक्षा संस्थानों में अधोसंरचना विकास को सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 60 लड़कों और 60 लड़कियों की क्षमता के जनजातीय छात्रावासों, चम्बा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 60 लड़कों और 30 लड़कियों, कुल्लू के आई.टी.आई. शमशी में 60 लड़के और 30 लड़कियों, सोलन में 60 लड़के और 90 लड़कियों तथा शिमला जिले में 200 लड़के और 141 लड़कियों के छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार संस्कृत कालेज सुन्दरनगर में 60 विद्यार्थियों की क्षमता के छात्रावास डा. वाई.एस. परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में 46 विद्यार्थियों की क्षमता, चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 72 विद्यार्थियों की क्षमता तथा राजकीय कालेज कुल्लू में 60 लड़कियों की क्षमता के छात्रावास का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि घुमारवीं तहसील में काला गुज्जर बस्ती के लिए 1.5 किलोमीटर सड़क निर्माण के अनुमान को तैयार किया जाएगा, जिसे जनजातीय विकास विभाग को शीघ्र ही प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

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