चंडीगढ़: आसरा संस्था के प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि इन दिनों आसरा के लोक कलाकार चंडीगढ़ में हो रहे जी-20 सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों के लिए तैयार किए गए एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश की ओर से सांस्कृतिक दल के रूप में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा एक विशेष कार्यक्रम तैयार किया गया जिसमें अन्य सांस्कृतिक दलों के साथ आसरा के कलाकारों ने सिरमौरी नाटी की मनमोहक प्रस्तुति दी।

गौरतलब है कि जी-20 देशों के भारत में अलग-अलग स्थानों पर सम्मेलन होने हैं। इन्हीं में से दो मीटिंग चंडीगढ़ में भी तय है। चंडीगढ़ में होने वाली जी-20 देशों की मीटिंग के लिए चंडीगढ़ को खूब सजाया गया और चंडीगढ़ के अहम् स्थानों पर G 20 देशों के झंडे लगाए गए। चण्डीगढ़ के ट्रिब्यून चौक को फॉरन फ्लैग से सजाया गया। विदेशी मेहमानों को चंडीगढ़ के खास पर्यटक स्थलों जिसमें सुखना लेक, रॉक गार्डन, कैपिटल कंपलेक्स आदि स्थानों पर ले जाया गया और रात्रि को सुखना लेक के किनारे एक मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।

इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के मौके पर पंजाब की राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित भी मौजूद रहे। विदेशी मेहमानों के लिए कोरियोग्राफिक कार्यक्रम तैयार किया गया जिसमें कथक, भारतनाट्यम, हिमाचल प्रदेश की सिरमौरी नाटी, पंजाब का भांगड़ा व गिद्दा, हरियाणा का घूमर आदि नृत्यों की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का आगाज गणपति वंदना से हुआ और उसके पश्चात आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा सिरमौरी नाटी की प्रस्तुति दी गई जिसमें आसरा के कलाकारों ने रिहाल्टी गी, मुंजरा नृत्य, परात नृत्य व रासा नृत्य की प्रस्तुति दी। पुरुष कलाकारों ने हाथों में डांगरू लिए महिला कलाकारों के संग नृत्य कदमों के साथ जैसे ही मंच पर प्रवेश किया तो विदेशी मेहमानों ने तालियों से कलाकारों का स्वागत किया। इसी प्रकार मुंजरा व परात नृत्य पर भी कलाकारों ने विदेशी मेहमानों से खूब तालियां बटोरी।

आसरा संस्था के कलाकारों में जोगेंद्र हाब्बी के प्रतिनिधित्व में राम लाल वर्मा, चमन लाल, अमीचंद, रविदत, सरोज, अनुजा, रीना, हेमलता, देवेश्वरी आदि कलाकारों ने सिरमौरी नाटी की प्रस्तुति देकर जहां अन्य राज्यों के नृत्यों के साथ सिरमौरी नाटी द्वारा G 20 के प्रतिनिधियों का मनोरंजन किया वहीं जिला सिरमौर की हाटी संस्कृति को विदेशी मेहमानों के समक्ष से प्रस्तुत कर हाटी संस्कृति से रूबरू करवाया।

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