नाहन: दशकों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हाटी समुदाय के लोग अब अपने आंदोलन में तेजी लाने पर विचार विमर्श कर रहे हैं | इन दिनों गिरी पार के विभिन्न क्षत्रों में हाटी समुदाय की बैठकों का दौर जारी है और आने वाले दिनों में अनेक बैठकें (महाखुमली) होने जा रही हैं | हाटी समुदाय के लिए अपनी परम्पराओं और सांस्कृतिक धरोहर को सहज कर रखना भी एक बड़ी चुनौती है यही कारण है की दशकों से सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र को अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग हो रही है |

इन दिनों हाटी समुदाय का एक तपका सभी राजनैतिक दलों के गिरिपार क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने पर विचार भी कर रहा है, वहीं ग्राम स्तर पर चल रहे घर-घर सम्पर्क अभियान राजनितिक दलों के वहिष्कार पर विचार विमर्श का माध्यम बन गए हैं | इसी कड़ी में आंदोलन की राह को निर्धारित करने की दृष्टि से आज पांवटा साहिब में केंद्रीय हाटी समिति की कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई |

हाटी समिति इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर अमीचंद कमल ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जब तक अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र घोषित नहीं किया जाता, यह आंदोलन जारी रहेगा | उन्होंने कहा की अब आंदोलन को व्यवस्थित रखने की दृष्टि से अनुशासन पर अधिक जोर दिया जाएगा | हाटी समिति के अध्यक्ष ने कहा कि अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा,   क्योंकि जनजातीय क्षेत्र घोषित करने को लेकर सारी शर्तें पूरी कर दी गई है, लेकिन फाइल अभी भी केंद्र सरकार के पास है | उन्होंने कहा कि यदि  जल्द से जल्द गिरी पार क्षेत्र सिरमोर को जनजातीय क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन को नया स्वरूप देने की रूपरेखा तैयार की जाएगी | उन्होंने कहा कि राज नेताओं के क्षेत्र में प्रतिबंध पर भी विचार किया जा रहा है

बैठक में जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग की गई तथा आगामी 26 फरवरी को शिलाई में होने वाली महाखुमली पर भी विस्तार से चर्चा की गई | शिलाई में होने वाली महाखुमली के उपरांत 6 मार्च को पंजोता में होने वाली महाखुमली और 11 मार्च को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय और इस बारे भी विस्तार से चर्चा की गई । बैठक में प्रदीप सिंगटा अध्यक्ष सिरमौर हाटी विकास मंच, अतर सिंह महासचिव सिरमौर हाटी विकास मंच, फकीर चंद चौहान चंडीगढ़ हाटी यूनिट, सुभाष अत्री सोलन हाटी यूनिट, सहित ब्लॉक यूनिट, तहसील यूनिट तथा पंचायत यूनिटों के अनेक सदस्य शामिल हुए ।

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