सोलन: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सहायक उप निरीक्षक प्रवीण सिंह को वर्ष 2022 का प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड (लाइफ टाइम अचीवमेंट) मिला है। साहसिक खेल गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक प्रतिमा, सम्मान पत्र व 15 लाख रुपए नकद प्रदान किए गए। एएसआई प्रवीण को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलने पर हिमाचल के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री ने भी बधाई दी है।

एएसआई प्रवीण सिंह वर्तमान में डोईवाला स्थित बीएसएफ बीआईएएटी यूनिट में तैनात हैं। बीएसएफ के कमांडेट महेश कुमार नेगी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने । बीएसएफ के एएसआई प्रवीण सिंह प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं। वह अब तक दो बार विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को सफलतापूर्वक फतह कर चुके हैं। साथ ही माउंट कंचनजंगा सहित 20 से अधिक ऊंची चोटियों पर भी वह आरोहण कर चुके हैं।

बीएसएफ के माउंट भागीरथी-दो पैरा पर्वतारोहण अभियान के दौरान उन्होंने अपनी रस्सी की मदद से दो पैरा पर्वतारोहियों की जान भी बचाई थी। सीएपीएफ, एनटीआरओ, एनईपीएस, म्यांमार पुलिस आदि बलों के तीन हजार से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को वह हाई एल्टीट्यूड लैंड एडवेंचर का प्रशिक्षण दे चुके हैं। वर्ष 2013 में केदारघाटी में आई भयावह आपदा के दौरान भी उन्होंने कालीमठ घाटी में बीएसएफ के राहत व बचाव कार्य में भागीदारी की थी। इसके अलावा वर्ष 2015 में स्वच्छ भारत, स्वच्छ हिमालय व स्वच्छ गंगा अभियान के तहत दिल्ली से गंगोत्री तक बीएसएफ की स्वर्ण जयंती माउंटेन टेरैन बाइक साइक्लिंग अभियान का हिस्सा भी रहे।

कांगड़ा जिला के हैं प्रवीण, मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं।

प्रवीण का जन्म कांगड़ा जिला के रक्कड़  गांव में 25 जनवरी 1975 को उत्तम चंद और  कृष्णा देवी के घर हुआ । उनकी शिक्षा  सीनियर सेकेंडरी स्कूल रक्कड़ में हुई । 30 दिसंबर 1993 को बीएसएफ में भर्ती हो गए। वर्ष 2003 में उनका विवाह सीमा कुमारी से हुआ। उनके एक बेटा अंशुल लोहिया भी है।

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