शैक्षणिक संस्थानों व पंचायतों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए चलाएं सघन अभियानः अपूर्व देवगन

मंडी : सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 (कोप्टा) के तहत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आज यहां उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें मंडी जिला के तहत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों व ग्राम पंचायतों को तंबाकू मुक्त बनाने तथा अन्य मदों पर चर्चा की गई।

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उपायुक्त ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने के साथ ही व्यक्ति नशे का आदी बन जाता है। ऐसा व्यक्ति स्वयं के साथ ही अपने आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि चेन स्मोकिंग के कारण होने वाली स्वास्थ्य हानियों के प्रति लोगों को बड़े स्तर पर जागरूक करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक तम्बाकू के उपयोग को 10 प्रतिशत से नीचे लाने तथा वर्ष 2030 तक इसे 5 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए धूम्रपान निषेध क्षेत्र एवं तम्बाकू मुक्त क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।

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अपूर्व देवगन ने कहा कि तम्बाकू मुक्त पंचायत योजना के अंतर्गत पंचायत क्षेत्र में तम्बाकू के उपयोग एवं इसकी बिक्री इत्यादि पर रोक लगाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। तम्बाकू मुक्त पंचायतों को प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच लाख रुपए तक प्रदान करने का प्रावधान का गया है। यह राशि पंचायतें अन्य विकास कार्य़ों पर व्यय कर सकेंगी। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज सहित सभी संबंधित विभागों को इस दिशा में प्रभावी कार्य योजना तैयार कर पंचायतों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचने के लिए लाईसेंस तथा सिंगल सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध के लिए भी कानूनी प्रावधान किए गए हैं।  

उपायुक्त ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध किया गया है और धूम्रपान रहित क्षेत्रों में सिगरेट-बीड़ी इत्यादि पीने पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 गज दायरे में तथा 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तम्बाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसी प्रकार तम्बाकू उत्पादों के प्रचार से जुड़े विज्ञापन प्रसारित करने पर कोप्टा की विभिन्न धाराओं के तहत 2 से 5 वर्ष तक कैद तथा एक हजार रुपए से पांच हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सिगरेट इत्यादि के पैक पर मोटे अक्षरों में इसके उपयोग से स्वास्थ्य को होने वाली हानि से संबंधित सचित्र चेतावनी छापना भी अनिवार्य किया गया है। 90 दिनों से अधिक अवधि तक इनके अवधारण के लिए अनुमति अनिवार्य की गई है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया। इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार भारद्वाज, उप निदेशक (प्रारम्भिक शिक्षा) विजय कुमार सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।


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