शिमला: शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि जो जे.बी.टी प्रशिक्षु अपना प्रशिक्षण जारी रखना चाहते हैं, वे अपने संबंधित प्रधानाचार्यों को 15 जून, 2010 तक लिखित रूप से सूचित करें, ताकि ऐसे इच्छुक प्रशिक्षुओं का निर्धारित प्रशिक्षण जारी रखने के बारे मंे उचित निर्णय लिया जा सके।

प्रवक्ता ने कहा कि जिन प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण बिना आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है तथा जिन प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षु 10 जून तक प्रशिक्षण के लिए वापिस आ गए हैं, उनका प्रशिक्षण यथावत् जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि 5 जून, 2010 को जे.बी.टी प्रशिक्षुओं के साथ हुई वार्ता मंे प्रधान सचिव शिक्षा ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सत्र 2008-2010 के प्रशिक्षुओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग की राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं मंे अनुबंध आधार पर नौकरी दी जाएगी। 8 जून, 2010 को भी विभाग ने प्रशिक्षुओं से अनुरोध किया था कि आंदोलन का रास्ता छोड़कर 10 जून तक प्रशिक्षण के लिए अपने संस्थानों में उपस्थित हों, लेकिन इसके बावजूद सभी स्थानों पर प्रशिक्षु वापिस नहीं आए हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि जे.बी.टी प्रशिक्षुओं के आंदोलन और कानून-व्यवस्था उल्लंघन के मामलों तथा अनशन पर बैठे प्रशिक्षुओं के स्वास्थ्य के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि सत्र 2008-2010 के वर्तमान प्रशिक्षण को उन स्थानों पर आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया जाए, जहां प्रशिक्षु प्रशिक्षण के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं। प्रशिक्षण सत्र के स्थगन के फलस्वरूप इन संस्थानों के छात्रावास भी आगामी आदेशों तक बंद रहेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण स्थगन किए जाने के कारण सभी प्रशिक्षुओं के अभिभावकों से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने बच्चों को प्रशिक्षण संस्थानों से अपने साथ ले जाएं, क्योंकि प्रशिक्षण स्थगित होने के उपरांत बच्चों के कार्यकलापों, स्वास्थ्य अथवा अन्य किसी भी प्रतिकूल घटना के लिए वे स्वयं उत्तरदायी होंगे तथा विभाग अथवा प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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