धर्मशाला: कांगड़ा जिला की सुरय घाटी बीड़-बिलिंग में 11 नवंबर, वीरवार से आरंम्भ होने वाली हिमालयन ओपन पेराग्लाईडिंग चेंपियनशिप-2010 के लिए सभी आवश्यक प्रबंध पूर्ण कर लिए गए हैं और इस प्रतियोगिता का आयोजन हिमाचल प्रदेश युवा सेवाएं खेल विभाग तथा पर्यटन एवं उड्डयन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।

यह जानकारी देते हुए उपायुक्त कांगड़ा श्री आरएस गुप्ता ने आज यहां बताया कि कांगड़ा घाटी साहसिक खेल पेराग्लाइडिंग एवं धर्मशाला के क्रिकेट स्टेडियम के कारण खेल एवं पर्यटन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाई है जिससे जिला में पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है।

श्री गुप्ता ने बताया कि पैराग्लाईडिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पायलटों का एैरो कल्ब ऑफ इण्डिया द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही पंजीकरण किया गया है तथा अब तक कुल सत्तर पायलटों ने पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के अपना पंजीकरण करवा दिया गया है। जिसमें से दस पायलट विदेशी, तीस सेना एवं अन्य भारतीय पायलट शामिल हैं।

उपायुक्त ने बताया कि पैराग्लाइडिंग की उड़ान के लिए बिलिंग घाटी समुद्र तल से 2600 मीटर की उंचाई पर स्थित है जबकि बीड़ में लेडिंग साइट समुद्र तल से 2080 मीटर की उंचाई पर स्थित है और यह घाटी विश्व में पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे उपयुक्त साइट मानी गई है। जिसके फलस्वरूप देश और विदेश से पैराग्लाइडिंग का शौक राने वाले खिलाड़ी इस घाटी में आकर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने के साथ साथ धौलाधार की नैसर्गिक छटा का उड़ान के दौरान आनंद उठाते हैं।

उन्होंने बताया कि बिलिंग घाटी में 100 से 200 किमी तक पैराग्लाइडिंग की जा सकती है। क्रास कंट्री के लिए बिलिंग से मनाली तक और बिलिंग से धर्मशाला तक उड़ान का लुत्फ पर्यटक उठा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1984 से बिलिंग घाटी में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ पैराग्लाइडिंग शुरू हुई है। जबकि इस घाटी में वर्ष 2002 में पर्यटन विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहली बार पैराग्लाइडिंग प्री वल्र्ड कप प्रतियोगिता करवाई गई थी और यह क्रम जारी है।

उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले पायलटों को प्रदेश सरकार द्घारा प्रोत्साहन के रूप में समाननीय राशि प्रदान की जाएगी जिसमें ओवरऑल चैपियनशिप में प्रथम, द्घितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पायलटों को क्रमश: 50 हजार, 25 हजार और 10 हजार रूपये की राशि बतौर पुरस्कार प्रदान की जाएगी जबकि महिला चैपियनशिप, भारतीय उत्कृष्ट पायलटों तथा टीम चैपियन को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर प्रथम, द्घितीय एवं तृतीय स्थान के रूप में को क्रमश: 20 हजार, 15 हजार और 10 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाएगी ।

उपायुक्त ने बताया कि इस प्रतियोगिता में फ्री-फलायर को भी निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप उडान की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान पायलटों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं जिसमें तीन दलों का गठन किया गया है जिसमें पुलिस, स्वास्थ्य, पर्वतारोहण विभाग के अतिरिक्त स्थानीय लोगों को भी गाईड के रूप में शामिल किया गया है । उन्होंने बताया कि पायलटों के ठहरने तथा उनकी परिवहन इत्यादि की बेहतर व्यवस्था की जा रही है तथा पायलटों की सुविधा के लिए बीड एवं बिलिंग में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।

उपायुक्त ने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को भी बीड एवं बिलिंग में पानी व्यवस्था को चुस्त-दरूस्त बनाने के भी निर्देश दिए।

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