चंडीगढ: हरियाणा में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर श्वेत क्रांति को और आगे बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों पर 250 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यह बात हरियाणा डेयरी संघ चंडीगढ़ के महाप्रबंधक आर.के चुघ ने आज स्थानीय बरनाला रोड़ स्थित वैलकम पैलेस में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटिड की 13वीं वार्षिक आम सभा में दुग्ध उत्पादक किसानों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुओं के चारे में और अधिक सुधार किया जाएगा। पशु चारे में पौष्टिक तत्वों को शामिल करके वैज्ञानिक तकनीक से पशु चारे का उत्पादन किया जाएगा जिससे निकट भविष्य में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में अच्छे परिणाम सामने आएंगे। पशुओं के स्वास्थ्य के विषय में भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पशु नस्ल सुधार के लिए सीमन बैंकों की स्थापना की जाएगी और पशु नस्ल सुधार के लिए विदेशों से सीमन मंगवाया जाएगा।

डेयरी संघ का सालाना का टर्नओवर 800 करोड़ रुपए

उन्होंने बताया कि वर्तमान में हरियाणा डेयरी संघ का 800 करोड़ रुपए सालाना का टर्नओवर है जिसमें से केवल 20 प्रतिशत राशि मिल्क प्लांट के प्रसार व विकास पर खर्च की जाती है। जबकि लगभग 650 करोड़ रुपए की राशि किसी न किसी रुप में दुग्ध उत्पादक किसानों तक पहुंचाई जा रही है। यह किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ बनाने में मिल का पत्थर साबित हो रही है। इसी के चलते हरियाणा देश का पहला ऐसा प्रदेश है जहां दुग्ध उत्पादकों को दुध का सबसे अधिक भाव दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सिरसा का मिल्क प्लांट प्रदेश का पहला मिल्क प्लांट है जहां सबसे अधिक दुध एकत्रित किया जा रहा है। सिरसा के मिल्क प्लांट में प्रतिदिन औसतन 1 लाख 53 हजार लीटर दुध की आवक हो रही है जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पादन तैयार किए जा रहे है। इस तरह से यह प्लांट 25 लाख रुपए प्रति वर्ष लाभ में चल रहा है। यह लाभ सभी दुग्ध उत्पादक शेयर होल्डरों में वितरित किया जाता है।

दुग्ध समितियों को किया गया सम्मानित

दुग्ध संघ सिरसा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस कोहली ने बताया कि प्रसंघ की कार्य योजना के अनुसार स्थानीय दुग्ध संघ की प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ाकर दो लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। इसके साथ-साथ दुध व दुग्ध उत्पादकों की गुणवत्ता शीघ्र जांचने के लिए मिल्को स्कैन स्थापित करने के लिए दुग्ध संघ सिरसा द्वारा 55.65 लाख रुपए की राशि की मांग की गई है जिसकी स्वीकृति शीघ्र मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जिला में दुध को स्वच्छ रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर 23 बल्क कूलर भी लगाए जा चुके है जिससे दुध की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने दुध उत्पादकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं को पौष्टिक वीटा मिनरल मिक्सचर्स दे ताकि पशु रोग मुक्त और स्वस्थ रह सके। इस मौके पर मिल्क की गुणवत्ता के लिए नकौड़ा, ढूकड़ा और बकरियांवाली दुध समितियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ जोन वार गुसाईआना, कुसुंबी, संतनगर, करीवाला, ममेरां कलां, बी.पी सुरतिया, बालासर, रिसालिया की समितियों को भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि दुग्ध संघ के अध्यक्ष हरदेव सिंह, श्याम सुंदर, गुरनाम सिंह, चरणपाल सिंह, सुखपाल सिंह, कृष्ण कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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