श्री रेणुका जी: अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के दूसरे दिन देवउठनी एकादशी के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र रेणुका जी झील में आस्था की डुबकी लगाई । आज के दिन चातुर्मास का समापन होता है | कहते हैं कि आज भगवान विष्णु चार माह बाद योग निद्रा से जाग जाते हैं | इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है | श्री रेणुका जी मेले के अवसर भी पवित्र झील में स्नान का विशेष महत्व है |

आज प्रातः काल सर्वप्रथम साधु-संतों ने पवित्र श्री रेणुका जी झील में स्नान किया, जिसके पश्चात अन्य श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा भाव के साथ पवित्र झील में आस्था की डुबकी लगाई | स्नान के पश्चात लोगों ने पवित्र रेणुका जी झील की परिक्रमा की इसके पश्चात मंदिरों में पूजा-अर्चना कर शीश नवाया। एकादशी के मौके पर रेणुका जी झील में स्नान करने के लिए प्रदेश भर के लोगों सहित पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड आदि राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं । स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए स्नान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

श्री रेणुका जी तीर्थ पुरातन भारतीय संस्कृति से जुड़ा आस्था और श्रद्धा का ऐसा केंद्र बिंदु है। यहां आज भी समृद्ध परंपराओं की झलक देखने को मिलती है। एकादशी से पहले दशमी के दिन प्रतिवर्ष भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम जी अपनी माता रेणुका जी से मिलने आते हैं, इसी दिन से यह लोक उत्सव आरंभ होता है। 6 दिन तक चलने वाले इस मेले में हर रोज हजारों श्रद्धालु आते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मेले के दौरान अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इनमें खेल प्रतियोगिताएं व महिलाओं व पुरूषों के लिए अलग -अलग दंगल करवाए जा रहे हैं। मेले में आने वाले लोगों का भरपूर मनोरंजन हो, इसके लिए मेले मैं विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन करवाया जा रहा है ।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version