कसौली: केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली ने आज 119वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रविण पवार ने कहा की इस संस्थान का स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने का एक लंबा और गौरव पूर्ण इतिहास रहा है। डॉ भारती प्रविण पवार इस कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में हिमाचल का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए योगदान देने वाले हिमाचल की देवभूमि को सादर नमन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि इस संस्थान ने 118 वर्षों से अधिक की अपनी यात्रा के दौरान कई मील पत्थर स्थापित किए हैं और संस्थान लगातार राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज भी भारत सरकार का यह संस्थान नई उभरती हुई बीमारियों के लिए टीका निर्माण के क्षेत्र में भी शिक्षण और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विराजमान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व पर बोलते हुए डॉ भारती प्रविण पवार ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य पर विशेष जोर देने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार किया है। उन्होंने बताया कि देश में सभी बच्चों के लिए पूर्ण टीकाकरण करने के उद्देश्य से मिशन इंद्रधनुष लॉन्च किया है जो टीबी सहित सात रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ बच्चों को सुरक्षित करने पर केंद्रित है। मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2017 में Intensified Mission Indradhanush कार्यक्रम शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कवर करना है जो नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों से छूट गए थे। उन्होंने बताया की कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और जिलों में टीकाकरण कवरेज में सुधार करना भी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा की इतने बड़े देश के टीकाकरण की हमारी यात्रा में डिजिटल तकनीकों और नवीन दृष्टिकोणों के उपयोग से देश में टीकाकरण कार्यक्रम की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार करने में भी मदद मिली है।
डॉ भारती प्रविण पवार ने कहा, आज स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाने में ड्रोन टैक्नोलाजी, प्रौद्योगिकी की भूमिका लगातार बढ़ रही है, इसलिए हमारी सरकार हेल्थ सेक्टर में टेक्नोलॉजी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर भी फोकस कर रही है। हम डिजिटल हेल्थ आई डी के जरिए देशवासियों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए गंभीर रूप से प्रयासरत है और हमारी राज्य सरकारें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कंधे से कन्धा मिलकर काम कर रहीं हैं ।
उन्होंने बताया कि 10 करोड़ से भी अधिक लोगों ने ई-संजीवनी के उपयोग से घर बैठे ही डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श का लाभ उठाया है और ड्रोन तकनीक दवा वितरण और परीक्षण के रसद में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह Universal Health Coverage के लिए भारत सरकार के प्रयासों को तीव्र गति प्रदान करेगा।
आयुष्मान भारत योजना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के इलाज में हर साल करोड़ों रुपये की बचत हो रही है। उन्होंने बताया की भारत सरकार दूर-दराज के इलाकों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने का काम कर रही है और अब लगभग 1,60,000 आयुष्मान भारत – हैल्थ एवं वैलनेस केंद्र, घरों के समीप व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं ।
डॉ भारती प्रविण पवार ने कहा, “माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के गौरवशाली नेतृत्व में और आदरणीय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुखभाई मांडविया जी के मार्गदर्शन में स्वस्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों के प्रयासों से आज देश में मेडिकल कॉलेजों और MBBS सीटों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।” प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत के विकास और प्रगति में Innovation and Research के महत्व पर बार-बार जोर दिया है। उन्होंने कहा की देश में Research को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहलें शुरू की हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर केंद्रीय अनुसंधान संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट जारी की और विभिन्न उपलब्धियां वाले लोगों को सम्मानित किया। डॉ. भारती प्रविण पवार ने सीआरआई के चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट और लैब्स व ड्रमबार घोड़े का अस्तबलका निरीक्षण भी किया।
कर्नल धनी राम शांडिल्य जी, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा कि संस्थान द्वारा टीकों की खोज एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, “कोविड दौरान संस्थान ने सराहनीय काम किया है और यह खोज के क्षेत्र में विश्व पटल पर जाना जाता है।” श्री विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण, युवा सेवा और खेल मंत्री ने कहा कि सीआरआई द्वारा मानव भलाई के लिए मेडीकल क्षेत्र में किया जाना काम प्रसंशा योग हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर अनुसंधान के क्षेत्र में काम करना चाहिए जिससे लोगों को फायदा मिले और देश और राज्य का विकास हो सकें।
डॉ. डिंपल कसाना, निदेशक, केंद्रीय अनुसंधान संस्थान ने बताया कि यह संस्थान खोज के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है। उन्होंने बताया कि सीआरआई विश्व स्वास्थ्य संगठन से मिलकर कई प्रॉजेक्टों पर भी काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान डीपीटी वैक्सीन के निर्माण के लिए सीजीएमपी अनुपालन सुविधा वाला पहला केंद्र सरकार का संस्थान बन गया है और हाल ही में टीडी वैक्सीन के उत्पादन के लिए एक वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त किया है। संगठन सर्पदंश, डिप्थीरिया और रेबीज के लिए चिकित्सीय एंटीसेरा भी विकसित कर रहा है।
इस अवसर पर सांसद श्री सुरेश कुमार कश्यप और कसौली से विधान सभा सदस्य विनोद सुल्तानपुरी के अलावा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की ओर से प्रो डॉ अतुल गोयल, डीजीएचएस और डॉ अनिल कुमार, अतिरिक्त डीडीजीए व अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे । इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्य जनसंपर्क कार्यालय के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करके लोगों का मन मोह लिया।