सोलन: सोलन डाइट की ओर से नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण (एनएएस) के तहत एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें डिप्टी डायरेक्टर (हायर एजूकेशन) जगदीश नेगी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस में सोलन जिला की शिक्षा पर मंथन किया गया। साथ ही नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण 2017 कीतुलना 2021 से की गई। इसमें सोलन जिला की स्थिति में कोई ज्यादा सुधार नहीं पाया है।

सोलन जिला में लड़कियां और अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा में भले ही सुधार आया हो, लेकिन सामान्य रूप से देखा जाए तो सोलन जिला की शिक्षा की स्थिति को ज्यादा बेहतर नहीं कह सकते। यह सर्वे जिला के चुनिंदा स्कूलों में किया गया। इसमें बच्चों के लर्निंग आउटकम का पता लगाया गया। इसमें लेंगवेज, गणित और ईवीएस विषयों को शामिल किया गया गया था। जहां तक सोलन जिला की बात करें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं और जिला में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए अध्यापकों को और अधिक कार्य करने की जरूरत है।

डाइट सोलन के मीडिया प्रभारी डॉ. रामगोपाल शर्मा ने बताया कि देश, प्रदेश में शिक्षा के विकास को जांचने के लिए देश का सबसे बड़ा सर्वेक्षण, जिसमें जिला के सभी खंडों के सैंपल स्कूल के बच्चों का सर्वेक्षण किया गया। चयनित स्कूलों के सरकारी, निजी और केंद्रीय विद्यालयों से उपलब्धि के लिए सर्वे कंडक्ट करवाया गया। जहां तक उपलब्धि के स्तर का विषय है। इस कार्यशाला में सोलन जिला के 120 प्रिंसिपल, बीपीओ, बीआरसीसी, बीईईओ, सीएचटी, एचटी, टीचर्स, एसएमसी मेंबर्स, जेबीटी स्टूडेट्स और डाइट स्टाफ ने भाग लिया।

ये कहा डाइट प्रिंसिपल ने

डाइट प्रिंसिपल डॉ. शिव कुमार ने बताया कि कार्यशाला ने अचीवमेंट सर्वेक्षण की राज्य और जिलास्तर की रिपोर्ट को साझा करना तथा बच्चों की सीखने के स्तर को सुधार हेतु आगे की रणनीति तैयार करना, जिसमें सोलन जिला पिछड़ रहा है। इसी उद्देश्य के साथ विभिन्न श्रेणियों के टीचर्स को अलग-अलग ग्रुपों में बांटा गया। कार्यशाला के दौरान उन्होंने सुझाव दिए कि आने वाले समय में इन परिणाम को कैसे बेहतर बना सकते हैं। वे कौन- कौन से कार्य होंगे, जो हर स्तर पर किए जाएंगे ताकि आने वाले समय में परिणामों को सुधारा जा सकता है।

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