हिमाचल के राज्यपाल ने स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया

शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला के परवाणु स्थित परिधि गृह में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में परवाणु क्षेत्र में सामने आए डायरिया के मामलों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की गई।

राज्यपाल ने कहा गर्मियों के मौसम में जल जनित रोगों के फैलने का अंदेशा बढ़ जाता है। ऐसे में पेयजल स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने परवाणु क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में डायरिया के मामले सामने आने पर संबंधित विभागों से अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि पेयजल के प्रदूषित होने के कारणों का शीघ्र पता लगाने और इसके लिए एक संयुक्त टीम गठित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अभी तक सभी विभागों के साथ मिलकर पूरी तत्परता से कार्य किया है।

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शिव प्रताप शुक्ल ने डायरिया से पीड़ित रोगियों के उपचार के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने रोगियों के उपचार एवं डायरिया की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों में जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए बरती जाने वाली सावधानियों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने लोगों का भी आह्वान किया कि वे नियमित तौर पर पेयजल भंडारण टैंकों की साफ-सफाई करें और इसमें निश्चित मात्रा में क्लोरीन इत्यादि डालें तथा पानी को उबालकर ही उपयोग में लाएं।

उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने परवाणु क्षेत्र में डायरिया व अन्य जल जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे सघन अभियान की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मामले सामने आने पर तत्काल सहायक आयुक्त (प्रोटोकॉल) की अध्यक्षता में बैठक कर एक कार्य बल (टास्क फोर्स) गठित किया गया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग, हिमुडा, नगर परिषद, जल शक्ति सहित संबंधित विभागों को शामिल किया गया है। यह कार्य बल निरंतर ऐसे मामलों की निगरानी भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के पेयजल स्रोतों एवं ट्रीटमेंट प्लांट से पेयजल के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए हैं। पेयजल आपूर्ति में लगे टैंकरों की भी जांच की जा रही है।  

उपायुक्त ने कहा कि पेयजल के प्रदूषित होने के कारणों की जांच के लिए परवाणु नगर परिषद के सभी नौ वार्डों में तत्काल अभियान शुरू किया जाएगा। इसमें नगर परिषद, हिमुडा, लोक निर्माण विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग से भी कर्मी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि डायरिया के मामलों में अब कमी दर्ज की गई है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर दैनिक आधार पर जांच कर रही हैं। जल भंडारण टैंकों व ड्रम इत्यादि की जांच करने के साथ ही इनकी साफ-सफाई के लिए क्लोरीन की गोलियां वितरित की गई हैं। डायरिया प्रभावित लोगों को ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए गए हैं। अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे रोगियों में से अधिकांश ठीक होकर घर भेजे जा चुके हैं।

खंड चिकित्सा अधिकारी धर्मपुर को पेयजल के सैंपल एकत्रित करने तथा नियमित तौर पर निगरानी एवं जांच के निर्देश दिए गए हैं। हिमुडा के माध्यम से भी पानी के नमूने एकत्र किए गए हैं और पेयजल स्रोतों की साफ-सफाई व क्लोरीनेशन की गई है। स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं, नगर परिषद, टकसाल व जंगेशु पंचायतों के सचिवों, विभिन्न क्लबों व स्थानीय संगठनों के माध्यम से भी जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह, राज्यपाल के ए.डी.सी. अभिषेक, अतिरिक्त उपायुक्त अजय कुमार यादव, सहायक आयुक्त (प्रोटोकॉल) परवाणु महेन्द्र प्रताप सिंह और स्वास्थ्य, जल शक्ति, हिमुडा व नगर परिषद के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के उपरांत राज्यपाल ने स्थानीय अस्पताल में पहुंचकर उपचाराधीन डायरिया के रोगियों का कुशलक्षेम जाना और उन्हें तथा अन्य रोगियों को फल इत्यादि भी वितरित किए। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी उपस्थित थीं।